Home Remedies for Kidney Stones in Hindi | गुर्दे की पथरी
गुर्दे की पथरी के घरेलू उपाय - Pathri ka gharelu upchar - पथरी के रामबाण | गुर्दे की पथरी
घरेलू उपाय
किडनी में स्टोन की समस्या आजकल आम हो चली है। इसकी बड़ी वजह खान-पान की गलत आदतें होती हैं। जब नमक एवं अन्य खनिज (जो हमारे मूत्र में होते हैं) वे एक दूसरे के संपर्क में आते है या अगर किसी कारण से पेशाब गाढा हो जाता है तो किडनी के अन्दर छोटे-छोटे पत्थर जैसी कठोर वस्तुएं बन जाती हैं जिन्हे गुर्दे की पथरी के रूप में जाना जाता है।
गुर्दे की पथरी अलग अलग आकार की हो सकती है| कुछ पथरी रेत के दानों की तरह बहुत हीं छोटे आकार के होते हैं तो कुछ बहुत हीं बड़े। आमतौर पर छोटे मोटे पथरी मूत्र के जरिये शरीर के बाहर निकल जाया करते हैं लेकिन जो पथरी आकार में बड़े होते हैं वे बाहर नहीं निकल पाते एवं मूत्र के बाहर निकलने में बहुत ही बाधा डालते हैं उससे बहुत हीं ज्यादा पीड़ा उत्पन्न होती है। पथरी का दर्द कभी-कभी बर्दाश्त से बाहर हो जाता है। इसमें पेशाब करने में बहुत दिक्कत होती है और कई बार पेशाब रूक जाता है। पथरी होने की कोई उम्र नहीं होती है, यह किसी भी उम्र में हो सकती है।यहाँ पर हम आपको पथरी के कुछ आसान घरेलू नुस्खे के बारे में जानकारी देते हैं।
*नारियल का पानी पीने से पथरी में फायदा होता है। पथरी होने पर नारियल का प्रतिदिन पानी पीना चाहिए।
*करेला वैसे तो बहुत कड़वा होता है परन्तु पथरी में यह रामबाण की तरह काम करता है। करेले में मैग्नीशियम और फॉस्फोरस नामक तत्व होते हैं, जो पथरी को बनने से रोकते हैं।
*15 दाने बडी इलायची के एक चम्मच, खरबूजे के बीज की गिरी और दो चम्मच मिश्री, एक कप पानी में मिलाकर सुबह-शाम दो बार पीने से पथरी निकल जाती है।
*अंगूर में एल्ब्यूमिन और सोडियम क्लोराइड बहुत ही कम मात्रा में होता हैं, इसलिए किडनी में स्टोन के उपचार के लिए अंगूर को बहुत ही उत्तम माना जाता है। चूँकि इनमें पोटेशियम नमक और पानी भरपूर मात्रा में होते है इसलिए अंगूर प्राकृतिक मूत्रवर्धक के रूप में भी उत्कृष्ट रूप में कार्य करता है।
*पका हुआ जामुन पथरी से निजात दिलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पथरी होने पर पका हुआ जामुन खाना चाहिए।
*किडनी में स्टोन को निकालने में बथुए का साग भी बहुत ही कारगर होता है। इसके लिए आप आधा किलो बथुए के साग को उबाल कर छान लें। अब इस पानी में जरा सी काली मिर्च, जीरा और हल्का सा सेंधा नमक मिलाकर, दिन में चार बार पीने से शीघ्र ही फायदा होता है।
*आंवला का पथरी में बहुत फायदा करता है। आंवला का चूर्ण मूली के साथ खाने से मूत्राशय की पथरी निकल जाती है।
*प्याज में गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसका प्रयोग से हम किडनी में स्टोन से निजात पा सकते है। लगभग 70 ग्राम प्याज को पीसकर और उसका रस निकाल कर पियें। सुबह, शाम खाली पेट प्याज के रस का नियमित सेवन करने से पथरी छोटे-छोटे टुकडे होकर निकल जाती है।
*जीरे और चीनी को समान मात्रा में पीसकर एक-एक चम्मच ठंडे पानी से रोज तीन बार लेने से लाभ होता है और पथरी निकल जाती है।
सहजन की सब्जी खाने से गुर्दे की पथरी टूटकर बाहर निकल जाती है। आम के पत्ते छांव में सुखाकर बहुत बारीक पीस लें और आठ ग्राम रोज पानी के साथ लीजिए, फायदा होगा।
*पथरी की समस्या से निपटने के लिए केला जरूर खाना चाहिए क्योंकि इसमें विटामिन बी 6 होता है। विटामिन बी 6 ऑक्जेलेट क्रिस्टल को बनने से रोकता और तोड़ता भी है। विटामिन बी-6, विटामिन बी के अन्य विटामिन के साथ सेवन करना किडनी में स्टोन के इलाज में काफी मददगार माना जाता है ।
*मिश्री, सौंफ, सूखा धनिया लेकर 50-50 ग्राम मात्रा में लेकर डेढ लीटर पानी में रात को भिगोकर रख दीजिए। अगली शाम को इनको पानी से छानकर पीस लीजिए और फिर पानी में मिलाकर इसका घोल बना लीजिए, इस घोल को पीजिए।ऐसा नियमित रूप से करें शीघ्र ही पथरी निकल जाएगी।
*चाय, कॉफी व अन्य पेय पदार्थ जिसमें कैफीन पाया जाता है, उन पेय पदार्थों का सेवन बिलकुल मत कीजिए। हो सके कोल्ड्रिंक ज्यादा मात्रा में पीजिए।
*शुद्ध तुलसी का रस लेने से भी पथरी को यूरीन के रास्ते निकलने में मदद मिलती है। कम से कम एक महीना तुलसी के पतों के रस के साथ शहद लेने से बहुत लाभ मिलता है। तुलसी के कुछ ताजे पत्तों को भी रोजाना चबाना चाहिए ।
*जीरे को मिश्री की चासनी अथवा शहद के साथ लेने पर पथरी घुलकर पेशाब के साथ निकल जाती है।
*नींबू का रस और जैतून के तेल का मिश्रण, गुर्दे की पथरी के लिए सबसे प्रभावी प्राकृतिक उपचार में से एक है। पत्थरी का दर्द होने पर 60 मिली लीटर नींबू के रस में उतनी ही मात्रा में आर्गेनिक जैतून का तेल मिला कर सेवन करने से जल्दी ही आराम मिलता है। नींबू का रस और जैतून का तेल पूरे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा रहता है।
*बेल पत्थर को पर जरा सा पानी मिलाकर घिस लें, इसमें एक साबुत काली मिर्च डालकर सुबह काली मिर्च खाएं। दूसरे दिन काली मिर्च दो कर दें और तीसरे दिन तीन ऐसे सात काली मिर्च तक पहुंचे।आठवें दिन से काली मिर्च की संख्या घटानी शुरू कर दें और फिर एक तक आ जाएं। दो सप्ताह के इस प्रयोग से पथरी समाप्त हो जाती है। याद रखें एक बेल पत्थर दो से तीन दिन तक चलेगा।
गुर्दे की पथरी से निजात पाने के कुछ कारगर घरेलू उपाय
अंगूर का सेवन करें : अंगूर गुर्दे की पथरी को दूर करने में बहुत हीं महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अंगूर प्राकृतिक मूत्रवर्धक के रूप में उत्कृष्ट रूप से कार्य करता है क्योंकि इनमें पोटेशियम नमक और पानी भरपूर मात्रा में होते हैं। अंगूर में अलबूमीन और सोडियम क्लोराइड बहुत हीं कम मात्रा में होते हैं जिनकी वजह से इन्हें गुर्दे की पथरी के उपचार के लिए बहुत हीं उत्तम माना जाता है।
विटामिन बी 6 लिया करें
विटामिन बी 6 गुर्दे की पथरी को दूर करने में बहुत हीं प्रभावकारी साबित होता है।
अगर विटामिन बी -6 को विटामिन बी ग्रुप के अन्य विटामिन के साथ सेवन किया जाये तो गुर्दे की पथरी के इलाज में काफी सहायता मिलती है। शोधकर्ताओं ने अपने शोध में पाया है कि इस बी विटामिन की 100 से 150 मिलीग्राम की एक दैनिक खुराक गुर्दे की पथरी की चिकित्सीय उपचार में बहुत फायदेमंद हो सकता है। यह विटामिन मष्तिष्क सम्बन्धी विकारों को भी दूर करता है।
तुलसी के पत्तों में विटामिन बी पाया जाता है इसलिए तुलसी के कुछ ताजे पत्तों को रोजाना चबाया करें।
प्याज (कांदा) खाएं : प्याज में गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए औषधीय गुण पाए जाते हैं। अगर आप सही ढंग से इस घरेलू उपचार का पालन करेंगे तो आपको इसका हैरान कर देने वाला परिणाम मिलेगा। आपको इसका रस पीना है लेकिन पके हुए प्याज का। इसके लिए आप दो मध्यम आकर के प्याज लेकर उन्हें अच्छी तरह से छिल लें। फिर एक बर्तन में एक ग्लास पानी डालें और दोनों प्याज को मध्यम आंच पर उसमें पका लें। जब वे अच्छी तरह से पक जाये तो उन्हें ठंढा होने दें फिर उन्हें ब्लेंडर में डालकर अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें। तत्पश्चात उनके रस को छान लें एवं इस रस का तीन दिनों तक लगातार सेवन करते रहे। यह घरेलू उपाय राम बाण का काम करता है और दूसरे दिन से हीं गुर्दे की पथरी को बाहर निकालना शुरू कर देता है।
उपरोक्त उपायों के साथ साथ पानी का भी भरपूर सेवन करते रहें।
patharee ke raamabaan pathri ka gharelu upchar gharelu upay pathri ki dawa in hindi, pathri ki ayurvedic dawa
kidanee mein ston kee samasya aajakal aam ho chalee hai. isakee badee vajah khaan-paan kee galat aadaten hotee hain. jab namak evan any khanij (jo hamaare mootr mein hote hain) ve ek doosare ke sampark mein aate hai ya agar kisee kaaran se peshaab gaadha ho jaata hai to kidanee ke andar chhote-chhote patthar jaisee kathor vastuen ban jaatee hain jinhe gurde kee pathri ke roop mein jaana jaata hai.
gurde kee pathri alag alag aakaar kee ho sakatee hai| kuchh pathri ret ke daanon kee tarah bahut heen chhote aakaar ke hote hain to kuchh bahut heen bade. aamataur par chhote mote pathri mootr ke jariye shareer ke baahar nikal jaaya karate hain lekin jo pathri aakaar mein bade hote hain ve baahar nahin nikal paate evan mootr ke baahar nikalane mein bahut hee baadha daalate hain usase bahut heen jyaada peeda utpann hotee hai. pathri ka dard kabhee-kabhee bardaasht se baahar ho jaata hai. isamen peshaab karane mein bahut dikkat hotee hai aur kaee baar peshaab rook jaata hai. pathri hone kee koee umr nahin hotee hai, yah kisee bhee umr mein ho sakatee hai.yahaan par ham aapako pathri ke kuchh aasaan ghareloo nuskhe ke baare mein jaanakaaree dete hain.
*naariyal ka paanee peene se pathri mein phaayada hota hai. pathri hone par naariyal ka pratidin paanee peena chaahie.
*karela vaise to bahut kadava hota hai parantu pathri mein yah raamabaan kee tarah kaam karata hai. karele mein maigneeshiyam aur phosphoras naamak tatva hote hain, jo pathri ko banane se rokate hain.
*15 daane badee ilaayachee ke ek chammach, kharabooje ke beej kee giree aur do chammach mishree, ek kap paanee mein milaakar subah-shaam do baar peene se pathri nikal jaatee hai.
*angoor mein elbyoomin aur sodiyam kloraid bahut hee kam maatra mein hota hain, isalie kidanee mein ston ke upachaar ke lie angoor ko bahut hee uttam maana jaata hai. choonki inamen poteshiyam namak aur paanee bharapoor maatra mein hote hai isalie angoor praakrtik mootravardhak ke roop mein bhee utkrsht roop mein kaary karata hai.
*paka hua jaamun pathri se nijaat dilaane mein bahut mahatvapoorn bhoomika nibhaata hai. pathri hone par paka hua jaamun khaana chaahie.
*kidanee mein ston ko nikaalane mein bathue ka saag bhee bahut hee kaaragar hota hai. isake lie aap aadha kilo bathue ke saag ko ubaal kar chhaan len. ab is paanee mein jara see kaalee mirch, jeera aur halka sa sendha namak milaakar, din mein chaar baar peene se sheeghr hee phaayada hota hai.
*aanvala ka pathri mein bahut phaayada karata hai. aanvala ka choorn moolee ke saath khaane se mootraashay kee pathri nikal jaatee hai.
*pyaaj mein gurde kee pathri ke ilaaj ke lie aushadheey gun pae jaate hain. isaka prayog se ham kidanee mein ston se nijaat pa sakate hai. lagabhag 70 graam pyaaj ko peesakar aur usaka ras nikaal kar piyen. subah, shaam khaalee pet pyaaj ke ras ka niyamit sevan karane se pathri chhote-chhote tukade hokar nikal jaatee hai.
*jeere aur cheenee ko samaan maatra mein peesakar ek-ek chammach thande paanee se roj teen baar lene se laabh hota hai aur pathri nikal jaatee hai.
sahajan kee sabjee khaane se gurde kee pathri tootakar baahar nikal jaatee hai. aam ke patte chhaanv mein sukhaakar bahut baareek pees len aur aath graam roj paanee ke saath leejie, phaayada hoga.
*pathri kee samasya se nipatane ke lie kela jaroor khaana chaahie kyonki isamen vitaamin bee 6 hota hai. vitaamin bee 6 okjelet kristal ko banane se rokata aur todata bhee hai. vitaamin bee-6, vitaamin bee ke any vitaamin ke saath sevan karana kidanee mein ston ke ilaaj mein kaaphee madadagaar maana jaata hai .
*mishree, saumph, sookha dhaniya lekar 50-50 graam maatra mein lekar dedh leetar paanee mein raat ko bhigokar rakh deejie. agalee shaam ko inako paanee se chhaanakar pees leejie aur phir paanee mein milaakar isaka ghol bana leejie, is ghol ko peejie.aisa niyamit roop se karen sheeghr hee pathri nikal jaegee.
*chaay, kophee va any pey padaarth jisamen kaipheen paaya jaata hai, un pey padaarthon ka sevan bilakul mat keejie. ho sake koldrink jyaada maatra mein peejie.
*shuddh tulasee ka ras lene se bhee pathri ko yooreen ke raaste nikalane mein madad milatee hai. kam se kam ek maheena tulasee ke paton ke ras ke saath shahad lene se bahut laabh milata hai. tulasee ke kuchh taaje patton ko bhee rojaana chabaana chaahie .
*jeere ko mishree kee chaasanee athava shahad ke saath lene par pathri ghulakar peshaab ke saath nikal jaatee hai.
*neemboo ka ras aur jaitoon ke tel ka mishran, gurde kee pathri ke lie sabase prabhaavee praakrtik upachaar mein se ek hai. pattharee ka dard hone par 60 milee leetar neemboo ke ras mein utanee hee maatra mein aargenik jaitoon ka tel mila kar sevan karane se jaldee hee aaraam milata hai. neemboo ka ras aur jaitoon ka tel poore svaasthy ke lie bhee bahut achchha rahata hai.
*bel patthar ko par jara sa paanee milaakar ghis len, isamen ek saabut kaalee mirch daalakar subah kaalee mirch khaen. doosare din kaalee mirch do kar den aur teesare din teen aise saat kaalee mirch tak pahunche.aathaven din se kaalee mirch kee sankhya ghataanee shuroo kar den aur phir ek tak aa jaen. do saptaah ke is prayog se pathri samaapt ho jaatee hai. yaad rakhen ek bel patthar do se teen din tak chalega.
gurde kee pathri se nijaat paane ke kuchh kaaragar ghareloo upaay
angoor ka sevan karen : angoor gurde kee pathri ko door karane mein bahut heen mahatvapoorn bhoomika nibhaata hai. angoor praakrtik mootravardhak ke roop mein utkrsht roop se kaary karata hai kyonki inamen poteshiyam namak aur paanee bharapoor maatra mein hote hain. angoor mein alaboomeen aur sodiyam kloraid bahut heen kam maatra mein hote hain jinakee vajah se inhen gurde kee pathri ke upachaar ke lie bahut heen uttam maana jaata hai.
vitaamin bee 6 liya karen
vitaamin bee 6 gurde kee pathri ko door karane mein bahut heen prabhaavakaaree saabit hota hai.
agar vitaamin bee -6 ko vitaamin bee grup ke any vitaamin ke saath sevan kiya jaaye to gurde kee pathri ke ilaaj mein kaaphee sahaayata milatee hai. shodhakartaon ne apane shodh mein paaya hai ki is bee vitaamin kee 100 se 150 mileegraam kee ek dainik khuraak gurde kee pathri kee chikitseey upachaar mein bahut phaayademand ho sakata hai. yah vitaamin mashtishk sambandhee vikaaron ko bhee door karata hai.
tulasee ke patton mein vitaamin bee paaya jaata hai isalie tulasee ke kuchh taaje patton ko rojaana chabaaya karen.
pyaaj (kaanda) khaen : pyaaj mein gurde kee pathri ke ilaaj ke lie aushadheey gun pae jaate hain. agar aap sahee dhang se is ghareloo upachaar ka paalan karenge to aapako isaka hairaan kar dene vaala parinaam milega. aapako isaka ras peena hai lekin pake hue pyaaj ka. isake lie aap do madhyam aakar ke pyaaj lekar unhen achchhee tarah se chhil len. phir ek bartan mein ek glaas paanee daalen aur donon pyaaj ko madhyam aanch par usamen paka len. jab ve achchhee tarah se pak jaaye to unhen thandha hone den phir unhen blendar mein daalakar achchhee tarah se blend kar len. tatpashchaat unake ras ko chhaan len evan is ras ka teen dinon tak lagaataar sevan karate rahe. yah ghareloo upaay raam baan ka kaam karata hai aur doosare din se heen gurde kee pathri ko baahar nikaalana shuroo kar deta hai.
uparokt upaayon ke saath saath paanee ka bhee bharapoor sevan karate rahen.
Home Remedies for Kidney Stones in Hindi | गुर्दे की पथरी
Reviewed by Makkal Valai
on
03:59
Rating:
No comments