24 गर्भपात से बचने के लिए आयुर्वेदिक उपाय | 24 Natural Home Remedies & Ayurvedic Treatment for Miscarriage
24 गर्भपात से बचने के लिए आयुर्वेदिक उपाय | Natural Home Remedies & Ayurvedic Treatment for Miscarriage | Tips to Stop the Miscarriage, Garbhpaat se Bachne ke Tips, गर्भपात से बचने के नुस्खे, 24 Ayurvedic remedies to avoid abortion | Measures to Prevent Abortion in Hindi
गर्भपात से बचने के लिए आयुर्वेदिक | गर्भपात से बचने के लिए ये सावधानियां बरतेंगी तो
मातृत्व ग्रहण करना
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मातृत्व ग्रहण करना किसी भी स्त्री के लिए एक खुशनुमा अनुभव होता है। वैसे तो शादी को ही महिला का दूसरा जन्म माना जाता है लेकिन जब वो एक पत्नी, एक बेटी, एक बहु के दायरे से बाहर आकर एक मां बनती है तो उसका जीवन पूरी तरह बदल जाता है।
गर्भधारण
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गर्भधारण करते ही महिला अपने होने वाले बच्चे के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ जाती है। साथ ही उसका परिवार भी आने वाली खुशियों की राह देखने लगता है। लेकिन अगर इन खुशियों की राह में कोई बाधा आ जाए तो उसे सहन करना किसी के लिए भी आसान नहीं होता।
गर्भाशय
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यहां हम बात कर रहे हैं गर्भपात की, जिसका नाम सुनना भी कटु अनुभव देता है। बहुत सी महिलाओं का गर्भाशय कमजोर होता है, कभी-कभार इसका पता पहले ही लग जाता है तो कभी दुर्घटना के बाद।
दो बार गर्भपात
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वे महिलाएं जिनका दो बार गर्भपात हो चुका होता है उनका गर्भाशय अत्याधिक कमजोर हो जाता है। ऐसे में उन्हें बहुत सी सावधानियां रखने की जरूरत होती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही टिप्स देने जा रहे हैं जो हर गर्भवती या गर्भधारण करने का विचार कर रही स्त्री के लिए फायदेमंद हैं।
गर्भपात के कारण
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सबसे पहले जानते हैं गर्भपात के कारण क्या हैं। जानकारों के अनुसार निमोनिया, टी.बी, कोई पुरानी बीमारी, ज्वर आदि जैसी बीमारियों से ग्रसित रहने वाली महिलाओं के गर्भपात होने की संभावना रहती है।
Also Read: गर्भावस्था के दौरान सावधानियां[संपादित | Precautions During Pregnancy
गर्भाशय संबंधी परेशानी
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इसके अलावा गर्भाशय संबंधी कोई परेशानी, पेट पर चोट लगना, कोई डर, मानसिक पीड़ा या फिर अवसाद की वजह से गर्भ संभालना मुमकिन नहीं हो पाता। गर्भस्राव, यानि गर्भ से लगातार रक्त बहने की प्रवृत्ति, थायराइड और विटामिन ई की कमी भी इसका कारण है।
खाद्य पदार्थ
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गर्भाशय को मजबूत रखना बहुत जरूरी है और इसके लिए बहुत से खाद्य पदार्थ आपकी सहायता कर सकते हैं, जिसमें लौकी और सिंघाड़ा मुख्य रूप से शामिल हैं।
लौकी का जूस
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जिन स्त्रियों को बार-बार गर्भस्राव होता है उन्हें नियमित तौर पर लौकी का जूस या सब्जी का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा सिंघाड़े का सेवन भी बहुत लाभप्रद है।
आयुर्वेद
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गर्भाशय को बचाने के लिए आयुर्वेद में भी कुछ बहुत कारगर उपाय बताए गए हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वे उपाय।
धतूरे की जड़
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ऐसी स्त्री जिसे बार-बार गर्भपात का शिकार होना पड़ रहा है उसकी कमर में धतूरे की जड़ का चार अंगुली का टुकड़ा ऊबनी धागे में डालकर बांध दें। नौ माह पूरे होने के बाद इसे खोल दें।
अनार के पत्ते
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अनार के ताजा पत्तों (100 ग्राम) को पीसकर उसे पानी में छान लें। उस पानी को गर्भवती महिला को पिला दीजिए और बचे हुए लेप को पेट के निचले भाग यानि पेडू पर लगा दें। ऐसा करने से रक्तस्राव रुक जाएगा।
पलाश के पत्ते
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गर्भधारण करने के लिए पलाश के पत्ते बहुत उपयोगी करार दिए गए हैं। गर्भधारण के पहले महीने एक पत्ता, दूसरे महीने दो पत्ते, इसी तरह हर महीने के हिसाब से उतने पत्ते दूध में मिलाकर गर्भवती स्त्री को दिए जाने चाहिए।
शिवलिंगी का बीज
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शिवलिंगी के बीज और पुत्र जीवक की गिरी का चूर्ण बनाकर गाय के दूध के साथ रोज सुबह शौच के बाद और नाश्ते से पहले एक चम्मच लें। इसके अलावा रात में सोने से पहले एक चम्मच दूध के साथ अवश्य लें।
खानपान
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इन सब उपायों को करने के साथ ही साथ स्त्री को अपने खानपान पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
शिकंजी
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अंकुरित भोजन में विटामिन ई प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है, इसके अलावा सूखे मेवों का सेवन भी अवश्य किया जाना चाहिए। गर्भास्था में नींबू और नमक वाली शिकंजी बहुत फायदेमंद होती है।
काले चने का काढ़ा
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गर्भपात का भय अगर लगातार बना रहता है तो ऐसे हालात में काले चने का काढ़ा बहुत लाभप्रद है।
फिटकरी
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अगर आपको ये अंदजा होने लगता है कि गर्भपात होने वाला है तो तुरंत एक चम्मच फिटकरी को कच्चे दूध के साथ पानी में मिलाकर लेने से गर्भपात रुक जाता है।
सोंठ, मुलहठी और दूध
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ऐसी स्त्री जिसके गर्भपात का खतरा बना रहता है उसे गर्भधारण करते ही रोजाना 250 ग्राम दूध में आधी चम्मच सोंठ, चौथाई चम्मच मुलहठी मिलाकर पिलाना चाहिए।
सोंठ का सेवन
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अगर प्रसव पीड़ा बहुत ज्यादा हो रही हो तो भी सोंठ का सेवन फायदेमंद होता है।
गाजर का रस
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एक गिलास दूध में एक गाजर का रस मिलाकर उबालें। जब दूध आधा रह जाए तो इसका सेवन कर लीजिए। ऐसा प्रतिदिन करना फायदेमंद होगा। जिन्हें बार-बार गर्भपात होता है वे अभी से इसका सेवन प्रारंभ कर दें।
कसरत करना ना छोड़े-
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डॉक्टर कुछ हल्की एक्सरसाइज़ करते रहने की सलाह देती हैं। जिन्होंने कहा कि,“ रोज़ 45-मिनट एक्सरसाइज़ करें और 5-10 मिनट योगाभ्यास करें।” वॉकिंग जैसी हल्की कॉर्डियो एक्सरसाइज के साथ योग करने से बहुत अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। साथ ही पवनमुक्तासन, वज्रासन और पर्वतासन जैसे सरल योगासनों का अभ्यास करने से गर्भवति महिलाओं का शरीर एक सामान्य प्रसव या तकलीफरहित डिलिवरी के लिए तैयार हो सकेगा। आपको फिट रखने के अलावा, योग दिमाग को शांत रखने और प्रसव से जुड़ी सभी चिंताओं और डर का सामना करने के लिए भी मां को तैयार करता है जो गर्भावस्था के दौरान वह महसूस कर सकती है।
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गर्भपात की समस्या से बचने के लिए महिलाएं पीपल की बड़ी कंटकारी की जड एवं भैंस के दूध का उपयोग कर सकते हैं. गर्भपात को रोकने के लिए पीपल की बड़ी कंटकारी की जड को अच्छी तरह से पीस लें. अब एक गिलास भैंस का दूध लें और उसके साथ पीपल की बड़ी कंटकारी की जड़ के चुर्ण को फांक लें. रोजाना दूध के साथ इस चुर्ण का सेवन करने से गर्भपात होने की सम्भावना कम हो जाती हैं.
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गर्भपात को रोकने के लिए महिलाएं गाय के दूध और जेठीमधु का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. गर्भपात को रोकने के लिए गाय का दूध लें और जेठीमधु लें. अब इन दोनों को मिलाकर काढ़ा तैयार कर लें. अब इस को पी लें. आप इस काढ़े को अपनी नाभि के निचे के भाग पर भी लगा सकते हैं. काढ़े का सेवन करने से तथा काढ़े को नाभि के निचेले भाग पर लगाने से महिला को गर्भावस्था के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी.
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महिलाएं गर्भपात होने से रोकने के लिए पके हुए केले का भी सेवन कर सकती हैं. गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को रोजाना एक पके हुए केले को मथकर उसमें शहद मिलाकर खाना चाहिए. इससे गर्भाशय को लाभ होता हैं. तथा गर्भपात होने का भय भीं नहीं रहता.
Sources:
http://www.jagrantoday.com/2015/11/garbhpaat-ke-karan-lakshan-rokne-ke.html
https://hindi.speakingtree.in/
garbhapaat (angrezee: abortion) paripakvata avadhi athava vyavahaaryata se poorv garbh ke samaapan kee avastha hai jisamen garbhaashay se bhroon svat: nishkaashit ho jaata hai ya kar diya jaata hai. isake parinaamasvaroop garbhaavastha (praignanchy) kee samaapti ho jaatee hai.
garbhapaat se bachane ke lie aayurvedik | garbhapaat se bachane ke lie ye saavadhaaniyaan baratengee to
maatrtv grahan karana
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maatrtv grahan karana kisee bhee stree ke lie ek khushanuma anubhav hota hai. vaise to shaadee ko hee mahila ka doosara janm maana jaata hai lekin jab vo ek patnee, ek betee, ek bahu ke daayare se baahar aakar ek maan banatee hai to usaka jeevan pooree tarah badal jaata hai.
garbhadhaaran
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garbhadhaaran
garbhadhaaran karate hee mahila apane hone vaale bachche ke saath bhaavanaatmak roop se jud jaatee hai. saath hee usaka parivaar bhee aane vaalee khushiyon kee raah dekhane lagata hai. lekin agar in khushiyon kee raah mein koee baadha aa jae to use sahan karana kisee ke lie bhee aasaan nahin hota.
garbhaashay
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garbhaashay
yahaan ham baat kar rahe hain garbhapaat kee, jisaka naam sunana bhee katu anubhav deta hai. bahut see mahilaon ka garbhaashay kamajor hota hai, kabhee-kabhaar isaka pata pahale hee lag jaata hai to kabhee durghatana ke baad.
do baar garbhapaat
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do baar garbhapaat
ve mahilaen jinaka do baar garbhapaat ho chuka hota hai unaka garbhaashay atyaadhik kamajor ho jaata hai. aise mein unhen bahut see saavadhaaniyaan rakhane kee jaroorat hotee hain. aaj ham aapako kuchh aise hee tips dene ja rahe hain jo har garbhavatee ya garbhadhaaran karane ka vichaar kar rahee stree ke lie phaayademand hain.
garbhapaat ke kaaran
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garbhapaat ke kaaran
sabase pahale jaanate hain garbhapaat ke kaaran kya hain. jaanakaaron ke anusaar nimoniya, tee.bee, koee puraanee beemaaree, jvar aadi jaisee beemaariyon se grasit rahane vaalee mahilaon ke garbhapaat hone kee sambhaavana rahatee hai.
garbhaashay sambandhee pareshaanee
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garbhaashay sambandhee pareshaanee
isake alaava garbhaashay sambandhee koee pareshaanee, pet par chot lagana, koee dar, maanasik peeda ya phir avasaad kee vajah se garbh sambhaalana mumakin nahin ho paata. garbhasraav, yaani garbh se lagaataar rakt bahane kee pravrtti, thaayaraid aur vitaamin ee kee kamee bhee isaka kaaran hai.
khaady padaarth
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khaady padaarth
garbhaashay ko majaboot rakhana bahut jarooree hai aur isake lie bahut se khaady padaarth aapakee sahaayata kar sakate hain, jisamen laukee aur singhaada mukhy roop se shaamil hain.
laukee ka joos
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laukee ka joos
jin striyon ko baar-baar garbhasraav hota hai unhen niyamit taur par laukee ka joos ya sabjee ka sevan karana chaahie. isake alaava singhaade ka sevan bhee bahut laabhaprad hai.
aayurved
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garbhaashay ko bachaane ke lie aayurved mein bhee kuchh bahut kaaragar upaay batae gae hain. aaie jaanate hain kya hain ve upaay.
dhatoore kee jad
10
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aisee stree jise baar-baar garbhapaat ka shikaar hona pad raha hai usakee kamar mein dhatoore kee jad ka chaar angulee ka tukada oobanee dhaage mein daalakar baandh den. nau maah poore hone ke baad ise khol den.
anaar ke patte
11
anaar ke patte
anaar ke taaja patton (100 graam) ko peesakar use paanee mein chhaan len. us paanee ko garbhavatee mahila ko pila deejie aur bache hue lep ko pet ke nichale bhaag yaani pedoo par laga den. aisa karane se raktasraav ruk jaega.
palaash ke patte
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palaash ke patte
garbhadhaaran karane ke lie palaash ke patte bahut upayogee karaar die gae hain. garbhadhaaran ke pahale maheene ek patta, doosare maheene do patte, isee tarah har maheene ke hisaab se utane patte doodh mein milaakar garbhavatee stree ko die jaane chaahie.
shivalingee ka beej
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shivalingee ka beej
shivalingee ke beej aur putr jeevak kee giree ka choorn banaakar gaay ke doodh ke saath roj subah shauch ke baad aur naashte se pahale ek chammach len. isake alaava raat mein sone se pahale ek chammach doodh ke saath avashy len.
khaanapaan
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khaanapaan
in sab upaayon ko karane ke saath hee saath stree ko apane khaanapaan par bhee vishesh dhyaan dene kee aavashyakata hai.
shikanjee
15
shikanjee
ankurit bhojan mein vitaamin ee prachur maatra mein upalabdh hota hai, isake alaava sookhe mevon ka sevan bhee avashy kiya jaana chaahie. garbhaastha mein neemboo aur namak vaalee shikanjee bahut phaayademand hotee hai.
kaale chane ka kaadha
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kaale chane ka kaadha
garbhapaat ka bhay agar lagaataar bana rahata hai to aise haalaat mein kaale chane ka kaadha bahut laabhaprad hai.
phitakaree
17
phitakaree
agar aapako ye andaja hone lagata hai ki garbhapaat hone vaala hai to turant ek chammach phitakaree ko kachche doodh ke saath paanee mein milaakar lene se garbhapaat ruk jaata hai.
sonth, mulahathee aur doodh
18
sonth, mulahathee aur doodh
aisee stree jisake garbhapaat ka khatara bana rahata hai use garbhadhaaran karate hee rojaana 250 graam doodh mein aadhee chammach sonth, chauthaee chammach mulahathee milaakar pilaana chaahie.
sonth ka sevan
19
sonth ka sevan
agar prasav peeda bahut jyaada ho rahee ho to bhee sonth ka sevan phaayademand hota hai.
gaajar ka ras
20
gaajar ka ras
ek gilaas doodh mein ek gaajar ka ras milaakar ubaalen. jab doodh aadha rah jae to isaka sevan kar leejie. aisa pratidin karana phaayademand hoga. jinhen baar-baar garbhapaat hota hai ve abhee se isaka sevan praarambh kar den.
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khaanapaan
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shikanjee
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phitakaree
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aisee stree jisake garbhapaat ka khatara bana rahata hai use garbhadhaaran karate hee rojaana 250 graam doodh mein aadhee chammach sonth, chauthaee chammach mulahathee milaakar pilaana chaahie.
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Ayurvedic Remedies to avoid miscarriage | Natural ways to Avoid Abortion Tips.
Tips to Stop the Miscarriage, Garbhpaat se Bachne ke Tips, गर्भपात से बचने के नुस्खे.
Abortion (English: Abortion) is the stage of closing of the pregnancy prior to maturity or viability, in which the embryo is automatically expelled or made from the uterus. As a result, pregnancy ends. Ayurvedic to avoid miscarriage. If you take these precautions to avoid abortion Motherhood 1 Getting motherhood is a happy experience for any woman. However marriage is considered to be the second birth of a woman, but when she comes out of the scope of a wife, a daughter, a multi, she becomes a mother then her life changes completely. Conception 2 When pregnant, the woman becomes emotionally attached to her child. At the same time, his family also looks forward to happiness. But if there is a hindrance in the way of these happiness, it is not easy for anyone to bear it. Uterus 3 Here we are talking about a miscarriage, whose name also gives a bad experience. Many women have weak uterus, sometimes it seems to be detected, and sometimes after the accident, it is possible. Twice abortion 4 Women who have been miscarried twice, their uterus becomes very weak. In such a situation, they need to keep a lot of caution. Today, we are going to give you some tips that are beneficial for every pregnant woman or woman considering pregnancy. Due to abortion 5 First of all know what is the reason for abortion. According to experts, women living with pneumonia, TB, some chronic diseases, fever etc. are likely to have an abortion. Uterine problems 6 Apart from this, it is not possible to handle pregnancy due to uterine problems, stomach injury, no fear, mental pain or depression. The reason for miscarriage, i.e. the tendency to flow continuously from the fetus, is the lack of thyroid and vitamin E. food ingredient 7 It is very important to keep the uterus strong and many foods can help you, in which gourd and water chest are mainly involved. Gourd juice 8 Women who have repeated miscarriages should eat gourd juice or vegetables regularly. Apart from this, the consumption of Singhal is very beneficial. 24 Ayurvedic remedies to avoid abortion. 24 Natural Home Remedies & Ayurvedic Treatment for Miscarriage Ayurveda 9 Some very effective remedies have also been suggested in Ayurveda to save the uterus. Let's know what they measure. Thorax root 10 In the waist of a woman who is constantly being subjected to miscarriage, put four knuckles in the waist and put it in a hose thread. Open it after nine months of completion. Pomegranate leaves 11 Grind fresh pomegranate (100 grams) of pomegranate and filter it in water. Give that water to the pregnant woman and apply the remaining lamps to the lower part of the stomach i.e. the pelvic leaves. This will stop bleeding. Palm leaves 12 To fertilize, the leaves of Palash have been very useful. In the first month of pregnancy one leaf, two leaves in the second month, in the same way each month should be given to the pregnant woman by mixing so many leaves in milk. Seed of shivlangi 13 Make a powder of the seed of Shivlingi and the son of the living creator, take a spoon each morning after the defecation and after breakfast with cow's milk. Also, take a spoonful milk before sleeping in the night. food and drink 14 In addition to doing all these remedies, the woman needs special care on her own cuisine. Chinkya 15 Vitamin E is available in abundance in germinated food, besides the consumption of dry fruits should also be taken. Cinnamon with lemon and salt in the womb is very beneficial. Black gram decoction 16 If the fear of abortion remains constant, then the decoction of black gram is very beneficial in such situations. Alum 17 If you start to feel that abortion is going to happen, then immediately after mixing one spoon of alum in the water with raw milk, abortions stop. Salt, Mulhial and milk 18 As a pregnant woman who is at risk of abortion, mixing 250 grams of milk in half a day with a spoonful of dry spots, fourth spoonful of honey, should be given to her. Acne consume 19 Even if the labor of pain is getting too much, it is beneficial to use dry ginger. Carrot juice 20 Boil by adding a carrot juice to a glass of milk. When the milk is halfway, eat it. It would be beneficial to do this daily. Those who repeatedly have a miscarriage, start consuming it from now. Do not quit exercising- 21 Doctors advise you to exercise some light exercises. Those who said, "Exercise 45-minute daily and do 5-10 minutes yoga." Yoga can be very good results by combining yogurt with light chordiose exercises. Also, by practicing simple yoga like Pawanmuktasan, Vajrasana and Mountyasan, the body of pregnant women will be ready for a normal delivery or non-delivery. In addition to keeping you fit, Yoga also prepares the mother to keep the mind calm and to face all the worries and fears related to her delivery which she can feel during pregnancy. 22 In order to avoid the problem of abortion, women can use bulky bulk and buffalo milk in large part of the peepal. To prevent miscarriage, grind the peanut's big frictional jaw well. Now take a glass of buffalo milk and crack it with the churn of the root of the big fracture of Peepal. By consuming this small drink with milk daily, the chances of miscarriage decrease. 23 Women can also use cow's milk and jethamadhu to stop abortion. Take the cow's milk to prevent abortions and take a drink. Now, mix both these together and prepare a decoction. Now drink this. You can also apply this decoction on the bottom part of your navel. By eating the decoction and putting the decoction on the lower part of the navel, the woman will not have any problem during pregnancy. 24 Women can also consume baked bananas to prevent abortion. During pregnancy, women should cook a baked banana daily and eat honey in it. This benefits the uterus. And there is no fear of miscarriage. Prevention of abortion Abortions Measures to Prevent Abortion Home remedies for abortions Reasons for repeated miscarriage Pregnancy after miscarriage Repeated abortion Measures to Prevent Abortion in Hindi गर्भपात से बचें, garbhapaat se bachen, गर्भवती, garbhavatee, child abort, bachcha garbhapaat, बच्चा गर्भपात, yuktiyaan युक्तियाँ, Tips, इलाज, ilaaj, garbhapaat se bachaav garbhapaat rokane ke totake garbhapaat ko rokane ke upaay garbhapaat rokane ke ghareloo upaay baar baar garbhapaat hone ke kaaran garbhapaat ke baad garbhadhaaran baar baar garbhapaat hona garbhapaat rokane ke upaay in hindee गर्भपात से बचाव गर्भपात रोकने के टोटके गर्भपात को रोकने के उपाय गर्भपात रोकने के घरेलू उपाय बार बार गर्भपात होने के कारण गर्भपात के बाद गर्भधारण बार बार गर्भपात होना गर्भपात रोकने के उपाय इन हिंदी
24 गर्भपात से बचने के लिए आयुर्वेदिक उपाय | 24 Natural Home Remedies & Ayurvedic Treatment for Miscarriage
Reviewed by Makkal Valai
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